Top shiv chalisa in hindi Secrets
Top shiv chalisa in hindi Secrets
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
अर्थ- हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ हुआ।
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं Shiv chaisa जुहारी॥
मन मंदिर में, वास है तेरा, तेरी छवि बसाई,
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार Shiv chaisa है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ more info पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
दोस्तों श्री शिव जी के लोकप्रिय भजन पर हमारी शोध एवं लेखन कार्य जारी है। अतिशीघ्र यहां पर आपको और भजन पढ़ने को मिलेगा। आपको श्री शिव जी का कौन सा भजन ज्यादा अच्छा लगता है, जरूर बताइएगा।